दूध की कीमतों में हुआ इजाफा ...
महंगाई की मार झेल रही जनता को अब एक और झटका दूध के दाम में वृद्धि
के रूप में लगने वाला है। हाल ही में अमूल दूध के बाद अब राज्य के निजी और
सहकारी दूध विक्रेता संघो ने भी प्रतिलीटर दो रुपए बढ़ाने का निर्णय
लिया है। यह बढोतरी ११ मार्च से लागू होगी।
दूध की कीमतों में हुआ इजाफा ...
महाराष्ट्र
सहकारी दूध संघ कृती समिती की हुई बैठक में दूध के दाम बढ़ाने का निर्णय
लिया गया है। ऐसे में गाय का दूध ४२ प्रति लीटर मिलता था , जो अब ४४ रुपए
प्रति लीटर मिलेगा। तो वही भैस का दूध अभी तक ५४ रुपए प्रति लीटर मिलता था
, जो अब ५६ प्रति लीटर हो जाएगा । ऐसे में शहरवासियों को मासिक ६० रुपए
ज्यादा
मुंबई : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की अदालत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएन साईबाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने प्रोफेसर साईबाबा के साथ जेएनयू के छात्र हेम मिश्रा, पत्रकार प्रशांत राही और तीन अन्य लोगों को UAPA एक्ट के तहत दोषी पाया था.
साबित हुए आरोप
साईबाबा और बाकी लोगों पर माओवादियों के साथ रिश्ते होने और भारत के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोप साबित हुए हैं. प्रोफेसर साईबाबा को मई 2014 में उनके दिल्ली आवास से गिरफ्तार किया गया था. हेम मिश्रा और प्रशांत राही सन 2013 में पकड़े गए थे. इन सभी के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये गये थे.
चलने-फिलने में लाचार
डीयू के राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे. लेकिन गिरफ्तारी के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. 90 फीसदी विकलांग साईबाबा पूरी तरह से व्हीलचेयर के सहारे हैं. यही वजह है कि मुंबई हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में उन्हें जमानत दी थी. वामपंथी विचारधारा वाले साईबाबा रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम के संगठन से भी जुड़े रहे हैं.
डीयू के राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे. लेकिन गिरफ्तारी के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. 90 फीसदी विकलांग साईबाबा पूरी तरह से व्हीलचेयर के सहारे हैं. यही वजह है कि मुंबई हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में उन्हें जमानत दी थी. वामपंथी विचारधारा वाले साईबाबा रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम के संगठन से भी जुड़े रहे हैं.
मुंबई,ता 3 : राज्य
में इस वर्ष अच्छी बारिश और सरकार के विभिन्न योजनाओं के चलते अरहर का उत्पादन इस
वर्ष ज्यादा हुआ है। जिसके चलते थोक
बाजारों में तुवर दाल के मूल्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हुए है। जिससे
किसानों के उत्पादनों को योग्य दाम मिलने के लिए राज्य मे थोक और खुदरा
व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा अगले तीन महीनो के लिए तीनगुना बढ़ाने के निर्णय
को मंत्रिमंडल ने आज मंजूरी दी है।
राज्य में अच्छी बारिश होने से और सोयाबी का उत्पादन बढने से सोयाबीन का दाम घटा है। जिससे किसानों को उचित
दाम मिलने के लिए राज्य सरकार ने सोयाबी
को ५ नोव्हेंबर २०१६ से स्टॉक लिमिट को हटा दिया है। वर्तमान में अरहर का उत्पादन बढ़ने से और अरहर
दाल के मूल्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने की वजह से भंडारण की सीमा बढाने की आवश्यकता निर्माण हुई
थी। जिसके अनुसार दालो के स्टॉक लिमिट
को तीनगुना बढ़ाने का मंत्रिमंडल ने आज मंजूरी दी है। नए
स्टॉक लिमिट के अनुसार महानगरपालिका क्षेत्रों के थोक व्यापारियों को १०,५०० और खुदरा व्यापारियों
के लिए ६०० , तो वही अ- वर्ग नगरपालिका क्षेत्रों के थोक व्यापारियों को ७५०० और
खुदरा व्यापारियों के लिए ४५०,
बाकी शेष जगहों पर थोक व्यापारियों को
४५०० और खुदरा व्यापारियों ४५० क्विंटल स्टॉक लिमिट की मर्यादा रखी गई
है।
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार वायु एवं रक्षा उत्पादन क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए अलग नीति बनाएगी। इसके लिए राज्य सरकार एक हजार करोड़ रुपए का कोष जुटाएगी। एक लाख लोगों क ो रोजगार के अवसर भी मिलेगा। इसकी जानकारी मुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी। राज्य में रक्षा संबंधित संस्थान के अलावा कई निजी उद्योग हैं। इसके साथ ही राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और कानून व्यवस्था उच्च स्तर की है। इसको देखते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्य में वायु रक्षा उत्पादन हब बनाने की बात कही है।
कई देशों के उद्यमी आए
शनिवार
को होटल ट्राइडेंट में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम की ओर से ‘डिफेंस
एंड एयरोस्पेस मेक विद महाराष्ट्र’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर
पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, महारष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,
रक्षा मंत्री सुभाष भामरे, अपर सचिव, रक्षा विभाग सुरीन रंजन, उद्योग राज्य
विभाग के प्रधान सचिव उपस्थित थे। इस मौके पर भारत फोर्ज के बाबा कल्याणी
और सम्मेलन में विभिन्न देशों के राजदूत एयर उत्पाद उद्योगपति, स्वीडन,
फ्रांस, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों से आए हुए उद्यमी भी उपस्थित
थे।
युवा पीढ़ी को एक लाख नौकरियों के अवसर
गौरतलब
है कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र और हवाई उत्पाद क्षेत्र के रक्षा उत्पाद
को बढ़ावा देने के लिए एक अलग नीति तैयार किया गया है। महाराष्ट्र
मुख्यमंत्री देवेंफ्रा फडणवीस ने बताया कि इस नीति को लागू करने वाला
महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है। इसके तहत 33 हजार 500 करोड़ खर्च किया
जाएगा, साथ ही युवा पीढ़ी को एक लाख नौकरियों के अवसर भी प्राप्त होंगे।
विश्व की कंपनियां निवेश उत्साहित
मुख्यमंत्री
फडणवीस ने कहा कि मेक इंडिया अभियान में विश्व भर की कई कंपनियां भारत में
निवेश के लिए उत्साहित हैं। महाराष्ट्र राज्य में विश्व भर की कंपनियों
द्वारा हवाई उत्पादन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए नीति बनाई जा रही है।
जिसमें कंपनियों को साथ आने का स्वागत कर इस नीति में सुझावों को शामिल
किया जाएगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि पुणे, अहमदनगर, औरंगाबाद, नासिक,
नागपुर में रक्षा के क्षेत्र में निवेश की गुंजाईश है। रक्षा क्षेत्र के
उत्पादन का 25 प्रतिशत हिस्सा राज्य में ही उत्पादित होता है।
रक्षा उत्पादन के लिए महाराष्ट्र पहली पसंद : रक्षा मंत्री
रक्षा
मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में महाराष्ट्र राज्य में
कानून व्यवस्था की स्थिति सबसे बेहतर होने के कारण कंपनियां महाराष्ट्र को
पसंद कर रही हैं। रक्षा और वायु रक्षा उत्पादन के लिए महाराष्ट्र एक हब बन
जाएगा।
मुंबई.लगातार तीन साल सूखे की स्थिति व पानी की कमी के चलते पेराई
के लिए पर्याप्त मात्रा में गन्ना उपलब्ध न होने से पिछले साल की तुलना में
इस वर्ष चीनी के उत्पादन में कमी आई है। इस बार पिछले वर्ष की तुलना में
पेराई के लिए 350 मीट्रिक टन गन्ना कम उपलब्ध हो सका है। इसके चलते 41.20
लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हो पाया है। अब खेत में गन्ने नहीं बचे
हैं, इस स्थिति में चीनी कारखानों को एक सप्ताह के बाद पेराई बंद करनी
पड़ेगी।
आर्थिक बोझ बढ़ा
महाराष्ट्र सहकारी कारखाना संघ
के प्रबंध निदेशक संजीव बाबर के मुताबिक ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था
में महत्वपूर्ण भूमिका रखनेवाला यह क्षेत्र सूखे की मार के चलते मुश्किलों
में आ गया था। गन्ने की बढ़ी कीमत व उसे कारखानों तक पहुंचाने के लिए लगने
वाले वाहन खर्च में बढ़ोत्तरी के बावजूद 150 चीनी कारखाने शुरू रखे गए थे।
लेकिन पर्याप्त मात्रा में गन्ना उपलब्ध न होने के कारण कारखाना चलाने में
लगने वाले भारी भरकम खर्च के चलते कारखाना मालिकों का आर्थिक बोझ बढ़ा है।
वहीं गन्ने की कम पैदावार के चलते किसानों को भी करीब आठ करोड़ रुपए की चपत
लगी है।
41.20 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन
पिछले
साल 730 टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। लेकिन इस बार पानी की कमी के चलते
कारखानों को पर्याप्त मात्रा में गन्ना उपलब्ध नहीं हो पाया। पड़ोसी
राज्यों से भी पेराई के लिए गन्ने लाए गए। कड़ी मेहनत के बावजूद 368 लाख
मीट्रिक टन गन्ना ही पेराई के लिए उपलब्ध हो पाया। जिससे 41.20 लाख मीट्रिक
टन चीनी उत्पादन हो पाया। उन्होंने कहा कि इस बार चीनी उत्पादन में कमी के
बावजूद चीनी की कीमतों में बढ़ोत्तरी नहीं होगी। क्योंकि राज्य में चीनी
की जरुरत 22 से 24 लाख मीट्रिक टन है। इससे करीब 20 लाख मीट्रिक टन चीनी
गोदामों में शेष रहेगी।
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