मुंबई। महाराष्ट्र सरकार वायु एवं रक्षा उत्पादन
क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए अलग नीति बनाएगी। इसके लिए राज्य सरकार
एक हजार करोड़ रुपए का कोष जुटाएगी। एक लाख लोगों क ो रोजगार के अवसर भी
मिलेगा। इसकी जानकारी मुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी। राज्य में रक्षा
संबंधित संस्थान के अलावा कई निजी उद्योग हैं। इसके साथ ही राज्य में उच्च
शिक्षा की गुणवत्ता और कानून व्यवस्था उच्च स्तर की है। इसको देखते हुए
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्य में वायु रक्षा उत्पादन हब बनाने की
बात कही है।
कई देशों के उद्यमी आए
शनिवार
को होटल ट्राइडेंट में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम की ओर से ‘डिफेंस
एंड एयरोस्पेस मेक विद महाराष्ट्र’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर
पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, महारष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,
रक्षा मंत्री सुभाष भामरे, अपर सचिव, रक्षा विभाग सुरीन रंजन, उद्योग राज्य
विभाग के प्रधान सचिव उपस्थित थे। इस मौके पर भारत फोर्ज के बाबा कल्याणी
और सम्मेलन में विभिन्न देशों के राजदूत एयर उत्पाद उद्योगपति, स्वीडन,
फ्रांस, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों से आए हुए उद्यमी भी उपस्थित
थे।
युवा पीढ़ी को एक लाख नौकरियों के अवसर
गौरतलब
है कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र और हवाई उत्पाद क्षेत्र के रक्षा उत्पाद
को बढ़ावा देने के लिए एक अलग नीति तैयार किया गया है। महाराष्ट्र
मुख्यमंत्री देवेंफ्रा फडणवीस ने बताया कि इस नीति को लागू करने वाला
महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है। इसके तहत 33 हजार 500 करोड़ खर्च किया
जाएगा, साथ ही युवा पीढ़ी को एक लाख नौकरियों के अवसर भी प्राप्त होंगे।
विश्व की कंपनियां निवेश उत्साहित
मुख्यमंत्री
फडणवीस ने कहा कि मेक इंडिया अभियान में विश्व भर की कई कंपनियां भारत में
निवेश के लिए उत्साहित हैं। महाराष्ट्र राज्य में विश्व भर की कंपनियों
द्वारा हवाई उत्पादन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए नीति बनाई जा रही है।
जिसमें कंपनियों को साथ आने का स्वागत कर इस नीति में सुझावों को शामिल
किया जाएगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि पुणे, अहमदनगर, औरंगाबाद, नासिक,
नागपुर में रक्षा के क्षेत्र में निवेश की गुंजाईश है। रक्षा क्षेत्र के
उत्पादन का 25 प्रतिशत हिस्सा राज्य में ही उत्पादित होता है।
रक्षा उत्पादन के लिए महाराष्ट्र पहली पसंद : रक्षा मंत्री
रक्षा
मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में महाराष्ट्र राज्य में
कानून व्यवस्था की स्थिति सबसे बेहतर होने के कारण कंपनियां महाराष्ट्र को
पसंद कर रही हैं। रक्षा और वायु रक्षा उत्पादन के लिए महाराष्ट्र एक हब बन
जाएगा।
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